नशा पीड़ित : 3 काल्पनिक तथ्य एवं खंडन
नशा पीड़ित : 3 काल्पनिक तथ्य एवं खंडन
1.कोई भी व्यक्ति अपनी इच्छा शक्ति से नशा छोड़ सकता है:-
लंबे
समय तक अल्कोहोल या मादक पदार्थों का सेवन मस्तिष्क को इस तरह से बदल सकता
है कि व्यक्ति के मन में नशे की तीव्र इच्छा होती है जिसे वो रोक नहीं
पाता और मजबूर हो जाता है।ऐसे समय में व्यक्ति की भावनाएं, सिद्धांत और
इच्छा शक्ति काम नहीं कर पाती।
2.नशा एक बीमारी है और इसका कोई इलाज नहीं है :-
नशा
बीमारी तो है लेकिन असाध्य नहीं है।नशे के कारण मस्तिष्क में आये बदलावों
को ठीक किया जा सकता है,व्यक्ति की निर्णय लेने की क्षमता पर ही नशे का
सबसे ज्यादा प्रभाव पड़ता है, इस दुष्प्रभाव को उचित उपचार के द्वारा उल्टा
जा सकता है इसके लिए नशा मुक्ति कार्यक्रम जिसमें मेडिसिन,मेडिटेशन,
योग,व्यायाम एवं रचनात्मकता हो को अपनाना पड़ता है।इस प्रकार से नियमित रूप
से कार्यक्रम का पालन कर दिमाग में आये असर को खत्म किया जा सकता है।
3.किसी भी व्यक्ति का नशा उसकी इच्छा के विरुद्ध नहीं छुड़ाया जा सकता:-
जैसा
कि मैने पहले भी वर्णन किया है कि ज्यादा समय तक नशे का सेवन करने से
व्यक्ति की निर्णय लेने क्षमता ही सर्वाधिक प्रभावित हो जाती है,ऐसी स्तिथि
में सभी नशा पीड़ित व्यक्ति नशे से बाहर निकलने का निर्णय या सही उपचार का
निर्णय स्वयँ नहीं ले पाता,यहां पर उसके परिजनों को ही उनका जीवन बचाने के
लिए उनके उपचार का निर्णय लेना पड़ता है।
कुछ समय के उपचार के बाद पीड़ित को संज्ञान में आ जाता है कि परिजनों द्वारा लिया गया निर्णय ही उसके लिए सही था।
श्री शुद्धि
Author: Rajan Tiwari
Date: 29 Apr 2019